अहिल्याबाई होलकर के जीवन के अनसुनी और रोचक कहानी
अहिल्याबाई (Rani ahilyabai) ने इंदौर पर तीस सालों तक शासन किया। ये वक्त सुशासन और व्यवस्था की दृष्टि से यादगार माना जाता है।वो एक बेहद शानदार शासक और व्यवस्थापक थीं। पूरी जिंदगी लोगों के बीच बेहद सम्माननीय रहीं और मृत्यु के बाद एक संत के तौर पर याद की जातीहैं। मराठा शासन के तहत मालवा की शासक रहीं अहिल्या बाई होल्कर के बारे में ये बातें भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने लिखी थीं। 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अमदनगर में जन्मीं अहिल्याबाई होलकर को आज भी मध्य प्रदेश के मालवा और महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में सम्मान से राजमाता ही बुलाया जाता है।
पूरा नाम | अहिल्याबाई खांडेराव होल्कर (पुण्यश्लोक) |
जन्म स्थान | चौंढी गाँव, अहमदनगर, महाराष्ट्र |
जन्म तारीख | 31 मई 1725 |
धर्म | हिन्दू |
राजवंश | मराठा साम्राज्य |
पिता का नाम | मान्कोजी शिंदे |
माता का नाम | सुशीला शिंदे |
अहिल्या बाई होलकर का जन्म स्थान
अहिल्याबाई होल्कर का जन्म वर्ष 31 मई 1725 को महाराष्ट्र राज्य के चौंढी नामक गांव (जामखेड, अहमदनगर) में हुआ था। इनके पिता का नाम मान्कोजी शिंदे एंव माता का नाम सुशीला शिंदे था। उनके पिता मानकोजी शिंदे खुद धनगर समाज से थे, जो गांव के पाटिल की भूमिका निभाते थे। अहिल्याबाई होळकर (devi ahilyabai holkar) बचपन के समय में सीधी साधी और सरल ग्रामीण कन्या थी। अहिल्या होळकर भगवान में विश्वास रखने वाली औरत थी और वह प्रतिदिन शिवजी के मंदिर पूजन आदि करने आती थी।
वह सामान्य परिवार से थीं लेकिन इसे किस्मत ही कह सकते हैं कि उनकी शादी मालवा के राजकुमार के साथ हुई। दरअसल जब अहिल्या बाई होल्कर 8 साल की थीं तभी उनके गांव के पास से एक बार मालवा राज्य के राजा मल्हार राव होल्कर गुजरे। वो पुणे जा रहे थे। मल्हार राव कुछ समय के लिए अहिल्या बाई के गांव में ही ठहरे। उनकी नजर अहिल्या बाई पर पड़ी जो भूखे गरीब लोगों को खाना खिला रही थीं। छोटी बच्ची में दया और मानवता का भाव देखकर मल्हार के पिता ने अहिल्या का रिश्ता अपने बेटे से करने की बात कही। एक राजा के परिवार में शादी होते देख अहिल्या के पिता ने रिश्ते को हां कह दी और फिर मल्हार राव के बेटे खांडेराव और अहिल्या बाई की शादी हो गई।
खंडेराव होल्कर कौन थे? Khanderao Holkars in Hindi
खंडेराव होल्कर का नाम मराठा साम्राज्य के प्रसिद्ध वीर योद्धा में गिना जाता है। वे महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत रही प्रसिद्ध महारानी अहिल्या बाई होल्कर की पति थे। खंडेराव होल्कर का नाम मराठा साम्राज्य के इतिहास में एक अति वीर योद्धा में प्रसिद्ध है।
साधारण शिक्षित अहिल्याबाई 10 वर्ष की अल्पायु में ही मालवा में इतिहासकार ई। मार्सडेन के अनुसार होल्कर वंशीय राज्य के संस्थापक मल्हारराव होल्कर के पुत्र खण्डेराव के साथ परिणय सूत्र में बंध गई थीं। खंडेराव होल्कर उग्र स्वभाव के थे लेकिन, अहिल्याबाई ने उन्हें एक अच्छे योद्धा बनने के लिए प्रेरित किया। चूँकि खण्डेराव होलकर भी बहुत छोटे थे और उन्हें अपनी उम्र के अनुसार ज्ञान प्राप्त नहीं था तो उनके विकास में भी अहिल्याबाई का अहम योगदान रहा।
अहिल्यादेवी होळकर की शादी के 10 साल बाद यानि 1745 में उन्होंने मालेराव के रूप में पुत्र को जन्म दिया। पुत्र के जन्म के तीन साल बाद यानी 1748 में उन्होंने मुक्ताबाई नाम की पुत्री को जन्म दिया। अहिल्याबाई हमेशा अपने पति को राज कार्य में साथ दिया करती थी।
देवी अहिल्याबाई होलकर (ahilyabai holkar) ने क्या कार्य करवाया जिससे उनका नाम हुआ?
अहिल्याबाई (ahilya devi holkar) ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत-भर के प्रसिद्ध तीर्थों और स्थानों में मंदिर बनवाए, घाट बँधवाए, कुओं और बावड़ियों का निर्माण किया, मार्ग बनवाए-सुधरवाए, भूखों के लिए अन्नसत्र (अन्यक्षेत्र) खोले, प्यासों के लिए प्याऊ बिठलाईं, मंदिरों में विद्वानों की नियुक्ति शास्त्रों के मनन-चिंतन और प्रवचन हेतु की। और, आत्म-प्रतिष्ठा के झूठे मोह का त्याग करके सदा न्याय करने का प्रयत्न करती रहीं-मरते दम तक। ये उसी परंपरा में थीं जिसमें उनके समकालीन पूना के न्यायाधीश रामशास्त्री थे और उनके पीछे झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई हुई।
अपने जीवनकाल में ही इन्हें जनता ‘देवी’ समझने और कहने लगी थी। इतना बड़ा व्यक्तित्व जनता ने अपनी आँखों देखा ही कहाँ था। जब चारों ओर गड़बड़ मची हुई थी। शासन और व्यवस्था के नाम पर घोर अत्याचार हो रहे थे। प्रजाजन-साधारण गृहस्थ, किसान मजदूर-अत्यंत हीन अवस्था में सिसक रहे थे। उनका एकमात्र सहारा-धर्म-अंधविश्वासों, भय त्रासों और रूढि़यों की जकड़ में कसा जा रहा था। न्याय में न शक्ति रही थी, न विश्वास। ऐसे काल की उन विकट परिस्थितियों में अहिल्याबाई ने जो कुछ किया-और बहुत किया।-वह चिरस्मरणीय है।
कलकत्ता से बनारस तक की सड़क, बनारस में अन्नपूर्णा का मन्दिर , गया में विष्णु मन्दिर उनके बनवाये हुए हैं। इन्होंने घाट बँधवाए, कुओं और बावड़ियों का निर्माण करवाया, मार्ग बनवाए, भूखों के लिए सदाब्रत (अन्नक्षेत्र ) खोले, प्यासों के लिए प्याऊ बिठलाईं, मंदिरों में विद्वानों की नियुक्ति शास्त्रों के मनन-चिंतन और प्रवचन हेतु की। उन्होंने अपने समय की हलचल में प्रमुख भाग लिया। रानी अहिल्याबाई ने इसके अलावा काशी, गया, सोमनाथ, अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, द्वारिका, बद्रीनारायण, रामेश्वर, जगन्नाथ पुरी इत्यादि प्रसिद्ध तीर्थस्थानों पर मंदिर बनवाए और धर्म शालाएं खुलवायीं।
देवीअहिल्या बाई होलकर ने क्या कार्य करवाया जिससे उनका नाम हुआ?
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भी काफी कार्य किए। उन्होंने कई तीर्थ स्थानों के साथ ही कई मंदिर, घाट, कुँए, बावडियों, भूखे लोगों के लिए अन्नसत्र और प्याऊ का निर्माण भी कराया।
अहिल्या के दिल में अपनी प्रजा के लिए काफी प्यार और दया थी। वे जब भी किसी को मुसीबत या तकलीफ में देखती थीं तो उसे हम करने के लिए आगे कदम बढ़ाती थीं। इसलिए ही लोग भी उन्हें काफी सम्मान और प्यार देते थे।
अहिल्या बाई होल्कर (ahilyadevi holkar) की मृत्यु
रानी अहिल्याबाई होल्कर की मृत्यु 13 अगस्त सन 1795 ईसवी को इंदौर राज्य में ही हुई था। अहिल्याबाई होल्कर की मृत्यु कब हुई थी, उस दिन की तिथि भाद्रपद कृष्णा चतुर्दशी था।
होलकर की उपलब्धियां एवं सम्मान – Ahiliyabai Holkar Award
अहिल्याबाई होलकर का इतिहास द्धारा किए गए महान कामों के लिए उनके सम्मान में भारत सरकार की तरफ से 25 अगस्त साल 1996 में एक डाक टिकट जारी कर दिया गया। इसके अलवा Devi Ahilya bai holkar के आसाधारण कामों के लिए उनके नाम पर एक अवॉर्ड भी स्थापित किया गया था।
अहिल्याबाई होल्कर जीवन आधारित सीरियल, फ़िल्में (Serials and Films)
टीवी सीरियल का नाम | पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलर |
प्रसारित चैनल का नाम | सोनी टीवी |
शुरुआत | 4 जनवरी 2021 |
डायरेक्टर | जैक्सन सेठी |
कास्ट (कलाकार) | अदिति जलतारे, राजेश श्रृंगारपुरे , क्रिश चौहान, स्नेहलता वसईकर |
भारत के इतिहास में पहली बार अहिल्याबाई होल्कर पर एक टीवी सीरियल बना है, इस सीरियल का नाम ‘पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर’ है। आपको पता होगा की अहिल्याबाई होल्कर को पुण्यश्लोक नाम से भी संबोधित किया जाता है. इस सीरियल में अहिल्याबाई के जीवन की सभी बातों को दिखाया गया है। यह सीरियल सोनी टीवी पर हर रोज सोमवार से शुक्रवार सांय 7 बजकर 30 मिनट पर आता है. इस सीरियल का पहला एपिसोड 4 जनवरी 2021 को आया था।
FAQ :-
Q : अहिल्याबाई होलकर कौन है ?Ans : मराठा साम्राज्य के महान शासक खंडेराव होलकर की पत्नी। |
Q : अहिल्याबाई होलकर ने अपने बेटे को क्यों मारना चाहती थी ?Ans : क्योंकि मालेराव ने एक गाय के बछड़े को मार दिया था. उसके साथ न्याय करने के लिए उन्होंने अपने बेटे को मृत्यु दंड दिया था। |
Q : अहिल्याबाई होलकर के कितने बच्चे थे ? Ans : 2 |
Q : अहिल्याबाई होलकर की मृत्यु कैसे हुई ?Ans :अचानक तबियत ख़राब होने की वजह से इनकी मृत्यु हुई। |
Q : अहिल्याबाई होलकर का विवाह कब हुआ ?Ans : बचपन में ही हो गया था। |
Q :महारानी अहिल्याबाई के किन-किन कार्यों से महेश्वर प्रसिद्ध हुआ?अहिल्याबाई होल्कर ने अपने पति और ससुर की मृत्यु हो जाने पर उनकी स्मृति में इंदौर राज्य तथा अन्य राज्यों में विधवाओं, अनाथो, अपंग लोगों के लिए आश्रम बनवाएं। अहिल्याबाई होल्कर ने ही कन्याकुमारी से लेकर हिमालय तक अनेक मंदिर, घाट, तालाब, दान संस्थाएं, भोजनालय, धर्मशालाएं, बावरिया इत्यादि का निर्माण करवाया। |
निष्कर्ष
अहिल्याबाई होल्कर के जीवन की अनेक बातें हमने इस जीवनी में बताई है, उनके जीवन से हमें अनेक बातें सीखने को मिलती है। अगर आप इतिहास को जानना पसंद करते है तो मैं आपको अहिल्याबाई होल्कर के बारें में पढने को कहूँगा। अगर आपको नारी शक्ति क्या कर सकती है उसके बारें में जानना है तो अहिल्याबाई होल्कर के बारें में जरुर पढ़ें। अगर आर्टिकल अच्छा लगा है तो इसे शेयर जरुर करें।