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Giloy in Hindi | क्या गिलोय फायदेमंद है? जानिये गिलोय के फायदे, नुक्सान और ओषधिय गुण

Giloy in Hindi | क्या गिलोय फायदेमंद है? जानिये गिलोय के फायदे, नुक्सान और ओषधिय गुण

Giloy – क्या आपको लगता है, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बढ़ाना कितना मुश्किल है?

अगर आपको ऐसा लगता है कि इम्यूनिटी को बढ़ाना असंभव है तो, ऐसा नहीं है। आधुनिक जीवनशैली के खानपान और रहन-सहन से हमारी इम्यूनिटी कमजोर हो जा रही है। लेकिन इसके बावजूद खोई इम्यूनिटी को वापस भी पाया जा सकता है।

क्या ऐसा हो सकता है कि हम बारिश में भीगें लेकिन हमें जुकाम न हो। हम सर्दी में कैप लगाए बिना थोड़ी देर बाहर निकल जाएं तो भी हमें बुखार न हो। गर्मियों की दोपहर में अगर बाहर निकलना पड़े तो हमें लू न लगे। और कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से भी बचे रहें! 

Giloy

इसी कारण आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार गिलोय के बहुत सारी फायदेमंद बातें बताई गई हैं| जो आज हम आपको बताने जा रहे है |

गिलोय क्या है? What is Giloy in hindi? 

Giloy kya hai – गिलोय का वैज्ञानिक नाम ‘टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया’ (Tinospora Cordifolia) है। यह (गिलोय) एक प्रकार की बेल है जो (giloy ki bel) आमतौर पर खाली मैदान, सड़क के किनारे, जगंलों-झाड़ियों, पार्क, बाग-बगीचों, और दीवारों पर पाई जाती है। प्राचीन काल से ही गिलोय को एक आयुर्वेदिक औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। आयुर्वेद में इसे रसायन माना गया है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।

गिलोय का पौधा कैसा दिखता है?

गिलोय (giloy plant in hindi) अमृता, अमृतवल्ली अर्थात् कभी न सूखने वाली एक बड़ी लता है। इसका तना देखने में रस्सी जैसा लगता है। इसके कोमल तने तथा शाखाओं से जडें निकलती हैं। इस पर पीले व हरे रंग के फूलों के गुच्छे लगते हैं। इसके पत्ते giloy ke patte कोमल तथा पान के आकार के और फल मटर के दाने जैसे होते हैं।

यह जिस पेड़ पर चढ़ती है, उस वृक्ष के कुछ गुण भी इसके अन्दर आ जाते हैं। इसीलिए नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय (नीम गिलोय के फायदे इन हिंदी) सबसे अच्छी मानी जाती है।
गिलोय नुकसानदायक बैक्टीरिया से लेकर पेट के कीड़ों को भी खत्म करती है। टीबी रोग का कारण बनने वाले वाले जीवाणु की वृद्धि को रोकती है। आंत और यूरीन सिस्टम के साथ-साथ पूरे शरीर  को प्रभावित करने वाले रोगाणुओं को भी यह खत्म करती है।

अनेक भाषाओ में गिलोय के नाम

Giloy

Hindi (giloy in hindi)

गडुची, गिलोय, अमृता

English

इण्डियन टिनोस्पोरा (Indian tinospora), हार्ट लीव्ड टिनोस्पोरा (Heart leaved tinospora), मून सीड (Moon seed), गांचा टिनोस्पोरा (Gulancha tinospora); टिनोस्पोरा (Tinospora)

Sanskrit 

वत्सादनी, छिन्नरुहा, गुडूची, तत्रिका, अमृता, मधुपर्णी, अमृतलता, छिन्ना, अमृतवल्ली, भिषक्प्रिया

Bengali

गुंचा (Gulancha), पालो गदंचा (Palo gandcha), गिलोय (Giloe)

Marathi 

गुलवेल (Gulavel), अम्बरवेल (Ambarvel)

Oriya 

गुंचा (Gulancha), गुलोची (Gulochi)

Gujrati

गुलवेल (Gulvel), गालो (Galo)

Kannada 

अमृथावल्ली(Amrutavalli), अमृतवल्ली (Amritvalli), युगानीवल्ली (Yuganivalli), मधुपर्णी (Madhuparni)

Goa 

अमृतबेल (Amrytbel)

Tamil

अमृदवल्ली (Amridavalli), शिन्दिलकोडि (Shindilkodi)

Telugu 

तिप्पतीगे (Tippatige), अमृता (Amrita), गुडूची (Guduchi)

Nepali

गुर्जो (Gurjo)

Punjabi 

गिलोगुलरिच (Gilogularich), गरहम (Garham), पालो (Palo)

Malayalam 

अमृतु (Amritu), पेयामृतम (Peyamrytam), चित्तामृतु (Chittamritu)

Arabic

गिलो (Gilo)

Persian

गुलबेल (Gulbel), गिलोय (Giloe)

गिलोय के 10 फायदे (Giloy Benefits and Uses of giloy)

गिलोय डायबिटीज, कब्ज़ और पीलिया समेत कई गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोगी है। गुडूची के गुणों के कारण ही आयुर्वेद में Giloy गिलोय का नाम अमृता रखा गया है जिसका मतलब है कि यह औषधि बिल्कुल अमृत समान है। Geloy गिलोय के औषधीय गुण और गिलोय के फायदे (benefits of giloy in hindi) बहुत तरह के बीमारियों के लिए उपचारस्वरूप इस्तेमाल किया जाता है लेकिन कई बीमारियों में  गिलोय के नुकसान से भी सेहत पर असर पड़ सकता है। इसलिए गिलोय का औषधीय प्रयोग, प्रयोग की मात्रा और तरीका का सही ज्ञान होना ज़रूरी है- 

Also read  – Patanjali Giloy Ghanvati for Immunity: Benefits and Uses

1. डायबिटीज (Giloye benefits for diabetes in hindi)

गिलोय डायबिटीज के रोगियों के लिए रामबांण सिद्ध होता है। डायबिटीज के ऐसे मरीज जिन्हें टाइप-2 डायबिटीज (Type 2-Diabetes) की समस्या है, उन्हें गिलोय के सेवन से काफी लाभ मिल सकता है। गिलोय में काफी मात्रा में हाइपोग्लाईकैमिक एजेंट पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए अक्सर डॉक्टर गिलोय के जूस का सेवन करने की सलाह देते हैं। आप भी मार्केट से गिलोय जूस को खरीदकर इसका सेवन कर सकते हैं।

खुराक और सेवन का तरीका: डायबिटीज के लिए आप दो तरह से गिलोय (Giloy in hindi) का सेवन कर सकते हैं। 

गिलोय जूस: दो से तीन चम्मच गिलोय जूस (10-15ml) को एक कप पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।

गिलोय चूर्ण के फायदे: आधा चम्मच गिलोय चूर्ण को पानी के साथ दिन में दो बार खाना खाने के एक से डेढ़ घंटे बाद लें।

Giloy

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2. इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक (Giloy benefits for immunity in hindi):

बीमारियों को दूर करने के अलावा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना भी गिलोय के फायदे (Giloy ke fayde in hindi) में शामिल है। गिलोय सत्व या गिलोय जूस (Giloy juice benefits) का नियमित सेवन शरीर की इम्युनिटी पॉवर को बढ़ता है जिससे सर्दी-जुकाम समेत कई तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है।

खुराक और सेवन का तरीका: गिलोय इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करती है। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दिन में दो बार दो से तीन चम्मच (10-15ml) गिलोय जूस का सेवन करें।

3. बुखार (Gilloy benefits for fever in hindi):

गिलोय या गुडूची (Guduchi) में ऐसे एंटीपायरेटिक गुण होते हैं जो पुराने से पुराने बुखार को भी ठीक कर देती है। इसी वजह से मलेरिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू जैसे गंभीर रोगों में होने वाले बुखार से आराम दिलाने के लिए गिलोय (Giloy in hindi) के सेवन की सलाह दी जाती है।

खुराक और सेवन का तरीका: बुखार से आराम पाने के लिए गिलोय घनवटी (1-2 टैबलेट) पानी के साथ दिन में दो बार खाने के बाद लें।

4. अपच (Giloyi benefits for indigestion in hindi):

अगर आप पाचन संबंधी समस्याओं जैसे कि कब्ज़, एसिडिटी या अपच से परेशान रहते हैं तो गिलोय आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। गिलोय का काढ़ा, पेट की कई बीमारियों को दूर रखता है। इसलिए कब्ज़ और अपच से छुटकारा पाने के लिए गिलोय का रोजाना सेवन करें।

खुराक और सेवन का तरीका: आधा से एक चम्मच गिलोय चूर्ण को गर्म पानी के साथ रात में सोने से पहले लें। इसके नियमित सेवन से कब्ज़, अपच और एसिडिटी आदि पेट से जुड़ी समस्याओं से जल्दी आराम मिलता है।

5. खांसी (Giloy benefits for cough in hindi) :

अगर कई दिनों से आपकी खांसी ठीक नहीं हो रही है तो गिलोय (Giloy in hindi) का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। गिलोय में एंटीएलर्जिक गुण होने के कारण यह खांसी से जल्दी आराम दिलाती है। खांसी दूर करने के लिए गिलोय के काढ़े का सेवन करें।

खुराक और सेवन का तरीका: खांसी से आराम पाने के लिए गिलोय का काढ़ा (kada) बनाकर शहद के साथ उसका सेवन करें। इसे दिन में दो बार खाने के बाद लेना ज्यादा फायदेमंद रहता है।

Giloy

6.  त्वचा के लिए गुणकारी (Giloy benefits for skin problem):

गिलोय त्वचा संबंधी रोगों और एलर्जी को दूर करने में भी सहायक है। अर्टिकेरिया में त्वचा पर होने वाले चकत्ते हों या चेहरे पर निकलने वाले कील मुंहासे, गिलोय इन सबको ठीक करने में मदद करती है।  

इस्तेमाल करने का तरीका: त्वचा संबंधी समस्याओं से आराम पाने के लिए गुडूची (Guduchi) के तने का पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को सीधे प्रभावित हिस्से पर लगाएं। यह पेस्ट त्वचा पर मौजूद चकत्ते, कील-मुंहासो आदि को दूर करने में सहायक है।  

7.  गठिया (Giloi benefits for rheumatoid arthritis in hindi) :

गिलोय में एंटी-आर्थराइटिक गुण होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण गिलोय (Giloy in hindi) गठिया से आराम दिलाने में कारगर होती है। खासतौर पर जो लोग जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं उनके लिए गिलोय का सेवन करना काफी फायदेमंद रहता है।  

खुराक और सेवन का तरीका: गठिया से आराम दिलाने में गिलोय का काढ़ा और  गिलोय जूस के फायदे हैं। अगर आप गिलोय जूस (Giloy juice ke fayde) का सेवन कर रहे हैं तो दो से तीन चम्मच (10-15ml) गिलोय जूस को एक कप पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। इसके अलावा अगर आप काढ़े का सेवन कर रहे हैं तो  गिलोय का काढ़ा बनाकर उसमें शहद मिलाएं और दिन में दो बार खाने के बाद इसका सेवन करें।

8. लीवर के लिए फायदेमंद (Giloy benefits for liver in hindi):

अधिक शराब का सेवन लीवर को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में गुडूची सत्व या गिलोय सत्व का सेवन लीवर के लिए टॉनिक की तरह काम करती है। यह खून को साफ़ करती है और एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम का स्तर बढ़ाती है। इस तरह यह लीवर के कार्यभार को कम करती है और लीवर को स्वस्थ रखती है। गिलोय के नियमित सेवन से लीवर संबंधी गंभीर रोगों से बचाव होता है।

खुराक और सेवन का तरीका:  एक से दो चुटकी गिलोय सत्व को शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार इसका सेवन करें।

9. पीलिया (Giloy benefits for jaundice in hindi):

पीलिया के मरीजों को गिलोय के ताजे पत्तों का रस (giloy ras)पिलाने से पीलिया जल्दी ठीक होता है। इसके अलावा गिलोय के सेवन से पीलिया में होने वाले बुखार और दर्द से भी आराम मिलता है। गिलोय स्वरस (Giloy juice) के अलावा आप पीलिया से निजात पाने के लिए गिलोय सत्व का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

खुराक और सेवन का तरीका: एक से दो चुटकी गिलोय सत्व को शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार नाश्ते या कुछ खाने के बाद लें।

10. बवासीर की दवा है गिलोय (Medicine for Piles):

बवासीर या पाइल्स बेहद दर्दनाक होते हैं और इनसे जितनी जल्दी छुटकारा मिले, उतना ही बेहतर है। गिलोय के इस्तेमाल से बनने वाली दवाएं हर प्रकार के बवासीर को ठीक कर सकती हैं। ध्यान सिर्फ इस बात का रखना है कि निर्देशों और परहेज का विशेष ध्यान दिया जाए।

खुराक और सेवन का तरीका: धनिया के पत्ते, गिलोय और हरड़ को एक साथ बराबर मात्रा में पीस लें। इस मिश्रण की 20 ग्राम मात्रा लेकर आधा लीटर पानी में मिलाएं और उबालें। उबल जाने के बाद थोड़े से गुड़ के साथ इसका दिन में दो बार सेवन करें।

कब-कब करें गिलोय का सेवन (When to consume Giloy in hindi)

  1. सबसे ज्यादा गिलोय का सेवन बुखार में किया जाता है.
  2. हमेशा जवां बने रहने के लिए भी गिलोय का सेवन किया जाता है.
  3. पाचन तंत्र को बेहतर करने के लिए गिलोय खाना फायदेमंद होता है.
  4. डायबिटीज के रोगी को ब्लड शुगर कम करने के लिए गिलोय खाना फायदेमंद होता है.
  5. डेंगू में ब्लड प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए भी गिलोय का सेवन फायदेमंद होता है.
  6. वजन कम करने में गिलोय का जूस फायदेमंद होता है.
  7. गिलोय के नुकसान जानना बेहद जरूरी.
Giloy

गिलोय के नुक्सान (Side effects of Giloy)

  1. कई बार इम्युनिटी के अधिक सक्रिय होने की वजह से ऑटो इम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए ऑटो इम्यून बीमारियों जैसे कि मल्टीप्ल स्केरेलोसिस या रुमेटाइड आर्थराइटिस आदि से पीड़ित मरीजों को गिलोय  (geloy) से परहेज की सलाह दी जाती है।
  2. गिलोय डायबिटीज (मधुमेह) कम करता है। इसलिए जिन्हें कम डायबिटीज की शिकायत हो, वे गिलोय का सेवन न करें।
  3. जो लोग पहले से ही निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) के मरीज हैं उन्हें गिलोय के सेवन से परहेज करना चाहिए क्योंकि गिलोय भी ब्लड प्रेशर को कम करती है। इससे मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है। इसी तरह किसी सर्जरी से पहले भी गिलोय (Giloy in hindi) का सेवन किसी भी रुप में नहीं करना चाहिए क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को कम करती है जिससे सर्जरी के दौरान मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
  4. इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी गिलोय से परहेज करने की सलाह दी जाती है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान गिलोय के नुकसान के प्रमाण मौजूद नहीं है फिर भी बिना डॉक्टर की सलाह लिए गर्भावस्था में गिलोय का सेवन ना करें।

गिलोय के ओषधीय गुण 

1. डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स कम होने पर गिलोय के औषधीय गुण बहुत ज्यादा फायदेमंद होते हैं|
2.  गठिया रोग में गिलोय के औषधीय गुण बहुत फायदेमंद होते हैं|
3. डायबिटीज रोगी को ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए भी गिलोय के औषधीय गुण फायदेमंद होते हैं|

गिलोय कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Giloy Found or Grown?)

यह भारत में सभी स्थानों पर पायी जाती है। कुमाऊँ से आसाम तक, बिहार तथा कोंकण से कर्नाटक तक गिलोय मिलती है। यह समुद्र तल से लगभग 1,000 मीटर की ऊँचाई तक पाई जाती है।

गिलोय की तासीर | effect of giloy

गिलोय की तासीर प्राकृतिक रूप से गर्म होती है। इसलिए ठंड से संबंधित बीमारियों से बचने में इसका उपयोग अधिक किया जाता है।

गिलोय में पाए जाने वाले पोषक तत्व:

गिलोय में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड पाया जाता है। इसके अलावा गिलोय (Giloy in hindi) में कॉपर, आयरन, फॉस्फोरस, जिंक,कैल्शियम और मैगनीज भी प्रचुर मात्रा में मिलते हैं।  

निष्कर्ष 

आपने गिलोय के कई सारे फायदे और ओषधि गुण देखे| पर धयान रखिये फायदे के साथ गिलोय के कई नुक्सान भी होते है (giloy ke fayde aur nuksan in hindi) | इसलिए इसका सेवन करते समय ध्यान रखे की आप किस वास्तु के साथ उपयोग के लिए ले रहे है , और कितनी मात्रा  में लेनी चाहिए |  साथ ही डॉक्टर की सलाह आवश्यक रूप से लीजिये

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