Solar Energy Information in Hindi|सौर ऊर्जा क्या है, सोलर सेल व सोलर पैनल का उपयोग कैसे किया जाता है ?
Solar Energy – जिसे हम हिंदी में सौर ऊर्जा कहते है जो की सूर्य से प्राप्त की जाने वाली ऊर्जा है जिसे सीधा थर्मल या विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है .भारत एक तेजी से उभरने वाली अर्थव्यवस्था हैं, जिसमें 100 करोड़ से भी ज्यादा लोग शामिल हैं और जिन्हें ऊर्जा की बड़ी मात्रा में आवश्यकता हैं. जिसकी पूर्ति भारत सरकार द्वारा विभिन्न नविनीकरणीय और अनविनीकरणीय संसाधनों का उपयोग करके की जा रही हैं. बात करे भारत की भारत में भी बड़े पैमाने में सौर ऊर्जा का उत्पादन और उपयोग किया जाता है.

सोलर एनर्जी पर सरकार का फोकस है. इसके फायदे के साथ ही कमाई के भी बड़े मौके हैं. सोलर पैनल को आप कहीं भी इंस्टॉल करा सकते हैं. बिजली के भारी-भरकम बिल की टेंशन भी खत्म हो सकती है. दरअसल, सोलर पैनल लगाने वालों को केंद्र सरकार का न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय रूफटॉप सोलर प्लांट पर 30 फीसदी सब्सिडी देता है. बिना सब्सिडी के रूफटॉप सोलर पैनल लगाने पर करीब 1 लाख रुपए का खर्च आता है.
सौर ऊर्जा तकनीक (Solar Energy Technology in Hindi)

सोलर एनर्जी (Solar Energy) को हम कुल तीन मार्ग से पैदा करते है जिसमे फोटोवोल्टिक्स तकनीक (Photovoltaics technology) सोलर हीटिंग एंड कूलिंग (Solar Heating And Cooling) और तीसरा आता है कंसन्ट्रेटिंग सोलर पवार (Concentrating Solar Power) तकनीक. इन तीनो तरह से आज दुनिया में अलग अलग जगह संसाधनों के उपलभ्धता के हिसाब से सोलर एनर्जी पैदा की जाती है. इन तीनो तकनीकों के बारे में हम आगे सविस्तार जानेगे.
सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) के महत्व /Solar Urja in hindi
Solar Energy and Its Importance in hindi
देश में बिजली का 53% उत्पादन कोयले से किया जाता हैं और ऐसा अनुमान लगाया जाता हैं कि वर्ष 2040 – 2050 तक ये भी समाप्त हो जाएगा. भारत की 72% से अधिक जनता गाँवों में निवास करती हैं और इसमें से आधे गाँव बिना बिजली के ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं. अब भारत ऐसी स्थिति में आ गया हैं कि अब हम ऊर्जा के अधिकाधिक उत्पादन के लिए, ऊर्जा के संरक्षण के क्षेत्र में, उसके नविनीकरण एवं बचाव के लिए कदम उठाए. इस मांग को पूर्ण करने हेतु सौर ऊर्जा का उपयोग सर्वोत्तम उपाय हैं, जिससे हम ऊर्जा की मांग एवं पूर्ति के बीच सामंजस्य स्थापित कर सकते हैं.
सौर उर्जा क्या है (What is Solar Energy) /Solar Energy Information in hindi
ऊर्जा संरक्षण पर निबंध – सामान्य भाषा में सौर ऊर्जा से तात्पर्य सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा से हैं. सूर्य की किरणों को एक बिंदु पर एकत्रित करके जब ऊर्जा उत्पन्न की जाती हैं, तो ये प्रक्रिया सौर ऊर्जा उत्पादन कहलाती हैं. सौर ऊर्जा अर्थात् सूर्य की किरणों को विद्युत में बदलना, चाहे वह पी. वी. [ Photovoltaic ] द्वारा प्रत्यक्ष रूप से हो या सी. एस. पी. [ Concentrated Solar Power ] द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से. सी. एस. पी. में सौर ऊर्जा उत्पन्न करने हेतु लेंस अथवा दर्पणों और ट्रेकिंग उपकरणों का उपयोग किया जाता हैं और सूर्य प्रकाश के एक बहुत बड़े भाग को एक छोटी सी किरण पर एकत्रित किया जाता हैं. सोलर पॉवर प्लांट इसी तरह कार्य करते हैं.

Saur Urja Project –
भारत एक उष्ण – कटिबंधीय देश हैं, जिसके अनेक लाभों में से एक लाभ हमे सूर्य प्रकाश के रूप में भी प्राप्त होता हैं. उष्ण – कटिबंधीय देश होने के कारण हमारे यहाँ वर्ष भर सौर विकिरण प्राप्त की जाती हैं, जिसमें सूर्य प्रकाश के लगभग 3000 घंटे शामिल हैं, जो कि 5000 ट्रिलियन kWh के बराबर हैं. भारत के लगभग सारे क्षेत्रों में 4 – 7 kWh प्रति वर्ग – मीटर के बराबर हैं, जो कि 2300 – 3200 सूर्य प्रकाश के घंटे प्रति वर्ष के बराबर हैं. चूँकि भारत की अधिकांश जनता ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती हैं , अतः वहाँ सौर ऊर्जा की उपयोगिता बहुत हैं. साथ ही विकास की भी संभावनाएँ हैं और अगर सौर ऊर्जा का उपयोग प्रारंभ होता हैं, तो वहाँ घरेलू कामों में कंडों एवं लकड़ियों का प्रयोग होने में भी कमी आएगी. जिससे वायु प्रदुषण भी नहीं होगा.
भारत में सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए विशाल कार्यक्षेत्र उपलब्ध हैं क्योकिं भारत की भूस्थली ऐसे स्थान पर हैं, जहाँ सूर्य प्रकाश पर्याप्त मात्रा में पहुँचता हैं. पृथ्वी की सतह पर प्रति वर्ष पहुँचने वाले सूर्य प्रकाश की मात्रा अत्याधिक हैं. पृथ्वी पर अनेक अनविनीकरणीय पदार्थों, जैसेः कोयले, तेल, प्राकृतिक गैस एवं अन्य खनन द्वारा प्राप्त यूरेनियम पदार्थों का एक वर्ष में जितना उपभोग होता हैं, उसके दोगुने से भी ज्यादा हर वर्ष सूर्य प्रकाश धरती पर पहुंचता हैं और व्यर्थ हो जाता हैं.
सौर ऊर्जा तकनीक (Solar Energy Technology )
सौर ऊर्जा, सौर विकिरणों एवं सूर्य के ताप के प्रयोग द्वारा एक विकसित तकनीक हैं. इसके और भी रूप हैं, जैसे -: सौर ताप, सौर विकिरण और कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण, आदि.
कहां से खरीदें सोलर पैनल?
1. सोलर पैनल खरीदने के लिए आप राज्य सरकार की रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट अथॉरिटी से संपर्क कर सकते हैं.
2. राज्यों के प्रमुख शहरों में कार्यालय बनाए गए हैं.
3. हर शहर में प्राइवेट डीलर्स के पास भी सोलर पैनल उपलब्ध हैं.
4. अथॉरिटी से लोन लेने के लिए पहले संपर्क करना होगा.
5. सब्सिडी के लिए फॉर्म भी अथॉरिटी कार्यालय से ही मिलेगा.
भारत में सौर ऊर्जा से होने वाले लाभ (Saurya Urja Benefits in India) –
1. सौर ऊर्जा कभी ख़त्म न होने वाला संसाधन हैं और यह अनविनीकरणीय संसाधनों का सर्वोत्तम प्रतिस्थापन हैं.
2. सौर ऊर्जा वातावरण के लिए भी लाभकारी हैं. जब इसे उपयोग किया जाता है, तो यह वातावरण में कार्बन – डाई – ऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैस नहीं छोड़ती, तो वातावरण प्रदूषित नहीं होता.
3. चूँकि सौर ऊर्जा एक अनविनीकरणीय ऊर्जा संसाधन हैं. अतः भारत जैसे देशों में जहाँ ऊर्जा का उत्पादन महँगा पड़ता हैं, तो वहाँ ये संसाधन इसका बेहतरीन विकल्प हैं.
4. अनेक उद्देश्यों हेतु प्रयोग की जाती हैं , जैसे -: उष्णता के लिए, सुखाने के लिए, भोजन पकाने में और बिजली के रूप में, आदि. सौर ऊर्जा का उपयोग कार में, हवाई जहाज में, बड़ी नावों में, उपग्रहों में, केल्कुलेटर में और अन्य उपकरणों में भी इसका प्रयोग किया जाना उपयुक्त हैं.
5. सौर ऊर्जा के उपकरण किसी भी स्थान पर स्थापित किया जा सकता हैं. यहाँ तक कि ये घर में भी स्थापित किया जा सकता हैं, क्योंकिं यह ऊर्जा के अन्य संसाधनों की तुलना में यह सस्ता भी पड़ता हैं.
सौर ऊर्जा(sour urja) की राह में चुनौतियाँ
- कुशल मानव संसाधनों का अभाव.
- सौर ऊर्जा प्लेटों को स्थापित करने के लिये ज़मीन की उपलब्धता में कमी.
- चीन से आयातित फोटोवोल्टेइक सेलों की कीमत कम तो उसकी गुणवत्ता भी कामचलाऊ है.
- भारत में बने सोलर सेल (फोटोवोल्टेइक सेल) भी अन्य आयातित सोलर सेलों के मुकाबले कम दक्ष हैं.
- अन्य उपकरणों के दाम भी बहुत अधिक.
- विभिन्न नीतियाँ और नियम बनाने के बावजूद सोलर पैनल लगाने के खर्च में कमी नहीं.
- गर्म और शुष्क क्षेत्रों के लिये गुणवत्तापूर्ण सौर पैनल बनाने की नीतियों का अभाव.
- औसत लागत प्रति किलोवाट एक लाख रुपए से अधिक है.
Solar Heating System
सौर हीटिंग अक्षय ऊर्जा प्रणाली (Solar Energy System) को संदर्भित करता है. जो की बिजली का उत्पादन करने के लिए सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करने के बजाय गर्मी के रूप में सूर्य से ऊर्जा एकत्र करता है, जैसा कि सौर फोटोवोल्टिक्स के मामले अभी हमने पढ़ा है .

सौर हीटिंग सिस्टम (Solar Heating System) का उपयोग स्पेस हीटिंग , वाणिज्यिक या औद्योगिक सुविधाओं में उपयोग किए जाने वाले स्थान पे हीटिंग और पानी हीटिंग प्रदान करने के लिए किया जा सकता है. सौर जल हीटिंग (Solar Water Heating) प्रणालियों के मामले में, गर्म पानी का उपयोग बारिश, रसोई और बाथरूम नल, स्विमिंग पूल, वाशिंग मशीन, जकूज़ी और अन्य उपकरणों में किया जाता है जहां पर गर्म पानी की आवश्यकता होती है.
सोलर एनर्जी और भारत, (Solar Power in India)
भारत पहले से नवीकरणीय ऊर्जा पर ज्यादा ज़ोर देते आया है सौर ऊर्जा (Solar Energy) के साथ वायु ऊर्जा,पवनबिजली ऊर्जा,ज्वारीय ऊर्जा,भूतापीय ऊर्जा,बायोमास ऊर्जा इस तरह की बहोत सारि उर्जाओ का उत्पादन आज हमारे देश में किया जाता है.
मगर बात करे सोलर एनर्जी (Solar Energy) की भारत में अवस्ता की तो भारत यह एक उष्ण कटिबंधिया देश माना जाता है याने की भारत में साल में सबसे ज्यादा गर्मी रहती है इसकी वजह से सोलर एनर्जी (Solar Energy) के उत्पादन में भारत ने बहोत से दशो को पीछे छोड़ा है.
बात करे सोलर एनर्जी के भारत में उत्पादन की तो भारत का अबतक का सबसे बड़ा सोलर एनर्जी (Solar Energy) प्रोजेक्ट थार मरुस्थल (राजस्थान) में उभरा गया है. ये प्रोजेक्ट ७०० से २१०० मेगा वॉट सोलर एनर्जी (Solar Energy) उत्पन्न करने में सक्षम है.
केंद्र सरकार ने ‘जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा योजना ‘ के तहत साल २०२२ तक २०,००० मेगा वॉट (20000 MW) तक ऊर्जा उत्पादन करने का लक्ष निश्चित किया है. इसके साथ भारत सरकार ने साल २०२२ तक १७५ गीगा वॉट (175 GW) नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable energy) उत्पादन करने का लक्ष बनाया है। पिछले कुछ सालो में भारत में सोलर एनर्जी के उत्पादन क्षमता की बढ़ रही है २०१९ में २८,१८१ मेगा वॉट तो २०२० मे ३४,६२७ मेगा वॉट तक के उत्पादन क्षमता को गाठा है.
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समापन (Conclusion)
आज दुनिया में ऐसी बहोत सरे ऊर्जा के स्त्रोत है जो की मर्यादित है और उन सभी का सही तरह से इस्तेमाल करना हमारा कर्त्यव है ताकि इन सभी स्त्रोत का इस्तेमाल हमारी आने वाली पीढ़ी भी कर सके. इसके लिए नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable energy) पे हमें ज्यादा ध्यान देना होगा।
आज प्रदुषण की वजह से हमारे इन्वोरमेंट के काफी बदल दखने मिल रहा है इसका काफी ज्यादा असर इंसानो औ जानवरो पर दिखने लगा है ऐसे में काम प्रदुषण करने वाले स्र्तो का इस्तेमाल हमें करने की ज़रूरत है ऐसे में सौर ऊर्जा हमारे लिए वरदान से काम नहीं.
भारत में विगत एक दशक के दौरान बढ़ती आबादी, आधुनिक सेवाओं तक पहुँच, विद्युतीकरण की दर तेज होने और जीडीपी में वृद्धि की वजह से ऊर्जा की मांग तेज़ी से बढ़ी है और माना जाता है कि इसे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के बजाय सौर ऊर्जा के ज़रिये आसानी से पूरा किया जा सकता है.
इसलिए भविष्य में सौर ऊर्जा (Solar Energy in Hindi) के उत्पादन और विकास पर हमें बहोत ज्यादा ध्यान दने की ज़रूरत है धन्यवाद.